बैठे-बैठे कल्पना की
कि अपना भी एक मजनू हो
दिल हथेली पे लिए चले जो
मेरे पीछे-पीछे फिरे वो
साडी के आँचल से बांध ले जो
बाकि सब को बहन कहे वो
ऐसा अपना एक मजनू हो |
जिंदिगी में हरयाली ले आये जो
दिल के तार हिला जाए वो
आज़ाद पंछी सी आज़ादी दे जो
मेरे दोस्तों से दोस्ती करे जो
मेरी ख़ामोशी भी जान ले वो
ऐसा अपना एक मजनू हो |
कल कि परवाह न करे जो
आज कि ही बात करे वो
टाइम का पक्का, प्यार हो अपना
यही है मेरा प्यारा सपना
मेरा भी एक मजनू हो |