एक ऐसी अनोखी चीज
जो सबके पास होते हुए भी नहीं है |
पुरे संसार की बस यही तो समस्या है |
कभी किसी ने, किसी को कहते सुना है क्या,
कि हमारे पास समय है?
काम न करने पर
सभी समय को कोसते हैं |
बेचारा समय
सबको इतना देता है
फिर भी कोई खुश नहीं होता इससे |
आखिर क्यों?
सबका दुश्मन है
ये समय?
पास होते हुए भी हमारे पास नहीं रहता |
पर अब कोई करे भी तो क्या?
हम तो क्या
पुलिस भी नहीं पकड़पाती इसे |
यह कैसा दोस्त
और कैसा दुश्मन है |
दुश्मन तब जब हमारे पास नहीं रहता
और
दोस्त तब जब काम न करने कर
इल्जाम अपने ऊपर ले लेता है |
दोस्त बनाया है तो दुश्मन क्यों और
दुश्मन है तो दोस्त क्यों?
इस समय कि लीला भी कोई समझ पाया है क्या?
ये समय भी किसी कि बात सुनता है?
जब दुःख और चिन्ता होती है तोह रुक जाता है
और
जब सुख और आनन्द आता है तो भागता है यह |
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