सोयी पड़ी थी देर तक
अब जाग के आगे बढ़ना है
मस्त सपनों में खोयी रही
अब हकीकत में उतरना है
ऊँचाइयों को छूना है
इन पर्वतों के पार जाना है
इतिहास के पननों पर
अपना भी नाम कमाना है
सोयी पड़ी थी देर तक
अब जाग के आगे बढ़ना है
इन पर्वतों के पार
उन हसीन वादियों में उतरना है
जाना है बहुत दूर
ये रास्ता नहीं आसान
निडर, एक के आगे एक
अब कदम मुझे बढ़ना है
उन हसीन वादियों में उतरना है
इन पर्वतों के पार जाना है
इतिहास के पननों पर
अपना भी नाम कमाना है
26/08/2012